Shri Jagannath Temple Puri History, and Location
Shri Jagannath Temple Puri History, and Location

Shri Jagannath Temple Puri History, and Location

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The Shri Jagannath Temple is a famous Hindu temple located in the coastal town of Puri, in the state of Odisha, India. It is one of the most revered and significant temples in India and is dedicated to Lord Jagannath, an incarnation of Lord Vishnu. The temple is an important pilgrimage destination and attracts millions of devotees and tourists every year.

Key features of the Shri Jagannath Temple:

  • Deities: The main deities of the temple are Lord Jagannath (Krishna), his elder brother Lord Balabhadra (Balarama), and their sister Subhadra. These deities are worshipped with great devotion and enthusiasm.
  • Rath Yatra: The temple is famous for its annual Rath Yatra, also known as the Chariot Festival. During this grand festival, the three deities are placed on huge and elaborately decorated chariots and pulled through the streets of Puri. It is one of the most significant religious events in India and draws a massive crowd from all over the world.
  • Architecture: The temple’s architecture is a blend of the Kalinga style (ancient temple architecture from the region) and the Dravidian style (typical of South Indian temples). The main temple structure, known as the “Deul,” rises high above the town and is an impressive sight to behold.
  • Ananda Bazar: The temple complex houses an open-air market called Ananda Bazar, where devotees can offer their prayers and buy various religious items, souvenirs, and famous Puri delicacies like the Mahaprasad (the sacred food offering).
  • Rituals and Practices: The temple follows a strict ritualistic schedule, and there are specific procedures and ceremonies for the worship of the deities. The temple follows a unique daily routine known as the “Niti” system, which governs the opening and closing of the temple doors, as well as the times for various rituals.
  • History and Legends: The history of the Jagannath Temple dates back to ancient times, and it has been a significant center of devotion for centuries. The temple has several legends associated with its origin and the manifestation of the deities.
  • Non-Hindu Entry Restriction: It’s important to note that, traditionally, only Hindus have been allowed to enter the inner sanctum and offer prayers. Non-Hindus are not permitted inside the temple.

The Shri Jagannath Temple is not only a religious landmark but also an architectural marvel and a symbol of the rich cultural heritage of Odisha. If you plan to visit, it’s advisable to check any updated rules or regulations and the entry restrictions before planning your trip.

  • History:

The history of Shri Jagannath Temple is a blend of mythological legends and historical records. According to popular belief, King Indradyumna of Malava (present-day Madhya Pradesh) was instructed by Lord Vishnu in a dream to find a wooden log on the shores of Puri to create the deity’s idols. The temple’s exact origin remains uncertain, but it dates back to ancient times.

The temple has witnessed various invasions, renovations, and expansions under different dynasties and rulers, including the Ganga Dynasty, the Gajapati Kings of Odisha, and the Marathas.

  1. Location: Shri Jagannath Temple is located in the city of Puri, on the eastern coast of India, in the state of Odisha. The temple is situated in the center of Puri and stands near the Bay of Bengal, making it a prominent coastal pilgrimage destination.
  2. Entry Fee: There was No entry fee to visit the Shri Jagannath Temple. The temple is open to all devotees and visitors without any charges.
  3. Entry Timing: The temple follows specific timings for devotees and visitors:The temple usually opens early in the morning, around 5:00 AM or 5:30 AM.
    Mangala Aarti (morning ritual of worship) takes place between 5:00 AM to 6:00 AM.
    The temple remains open for darshan (viewing the deities) for several hours until noon.
    Afternoon rituals, such as Madhyanha Dhupa (midday offering), are conducted around 12:00 PM to 1:00 PM.
    The temple closes for a few hours in the afternoon, usually from 1:00 PM to 4:00 PM.
    Sandhya Aarti (evening ritual of worship) takes place approximately between 6:00 PM to 7:00 PM.
    Bada Shringar Darshan (grand appearance of the deities) is open for the public after Sandhya Aarti, typically from 7:00 PM to 8:00 PM.Please note that these timings may vary during specific festivals and special occasions, so it is advisable to check the exact schedule before visiting.
  4. Aarti: Aarti is an essential ritual performed in the temple, where the deities are worshipped with light (lamp or camphor) and accompanied by devotional hymns and prayers. The Aarti ceremony takes place during specific times of the day, such as Mangala Aarti in the morning and Sandhya Aarti in the evening. Devotees participate in the Aarti to express their love, devotion, and gratitude to the divine deities.Please note that information such as entry fees and Aarti timings might have changed since my last update, so it is advisable to verify these details from official sources or temple authorities before planning your visit.
Shri Jagannath Temple Puri History, and Location
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श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी (इतिहास,स्थान,प्रवेश समय,शुल्क,आरती )

श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी भारत के ओडिशा राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (भगवान कृष्ण), उनके भाई बलराम और उनकी बहन सुभद्रा को समर्पित है।

  • यह मंदिर पुरी शहर के मध्य में स्थित है और ओडिशा की प्रमुख धार्मिक और परंपरागत स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण करीब आठवीं शताब्दी में किया गया था और यह एक प्राचीन मंदिरों में से एक है जिसे चार धामों में से एक माना जाता है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख तीन रथ यात्राओं (रथयात्रा) के लिए भी प्रसिद्ध है, जो सालाना आयोजित की जाती हैं और लाखों भक्तों को आकर्षित करती हैं।
  • मंदिर के अंदर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा की मूर्तियों को देखने के लिए अलग-अलग गर्भगृह होते हैं, जिन्हें रत्न सिंहासन पर विराजित किया जाता है। इसके अलावा, इस मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
  • यहां की रथयात्रा, जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष को आयोजित की जाती है, विश्वभर में प्रसिद्ध है। रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा की रथों को लोग खींचते हैं और मंदिर से दूर ले जाते हैं। यहां की रथयात्रा को विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राएं में से एक माना जाता है।
  • श्री जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के साथ-साथ भारतीय धर्म, संस्कृति, और ऐतिहासिक धारोहर का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और यहां पर भक्तों की भावनाओं को पूर्ण करने के लिए शांति और ध्यान की वातावरण महसूस होती है।
  • इतिहास:-

मंदिर के स्थान पर कई धार्मिक पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। इसके अतिरिक्त, इसका इतिहास प्राचीन समय तक पहुंचता है।

जगन्नाथ जन्म कथा में उनके मूर्ति के स्रोत के रूप में विश्वास किया जाता है, जिसके लिए उधारण लगा हुआ है कि कृष्णा के रूप में जगन्नाथ का अवतार हुआ। भगवान जगन्नाथ को नीम की लकड़ी से बने मूर्ति में अवतारित किया जाता है और इसे नाबकलेवरा अवसर पर नए मूर्ति के रूप में बदला जाता है।
स्थान:- श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी, ओडिशा, भारत में स्थित है। यह मंदिर पुरी शहर के केंद्र में स्थित है और यह भारत के पूर्वी तट पर समुद्र तटीय नगरी में स्थित है।श्री जगन्नाथ मंदिर के स्थान की भौगोलिक संदर्भांतरित कोऑर्डिनेट हैं:अक्षांश: 19.8059° उत्तर
देशांतर: 85.8283° पूर्वमंदिर का स्थान बड़ी तालिका में समूचे उत्कल राज्य को भक्तों और यात्रियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है। पुरी को भारतीय धर्म और संस्कृति के महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक माना जाता है और इसका दैनिक भोग, धार्मिक अभिषेक और विशेष पर्वों के रंगबिरंगे त्योहारों द्वारा प्रसिद्ध है।पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर का स्थान, विश्वासियों के लिए दिव्यता और सांस्कृतिक महत्व से भरा हुआ है, जो पूरी शहर को भारत का एक प्रमुख तीर्थयात्रा स्थल बनाता है।

प्रवेश समय:-

जगन्नाथ मंदिर पुरी में प्रवेश का समय आरती और पूजा के अनुसार बदलता रहता है। मंदिर दरबार दिन के कुछ विशेष समयों पर बंद रहता है, जिसके दौरान आरती और पूजा के रिवाज होते हैं।मंदिर के सामान्य खुलने और बंद होने के समय का विवरण निम्नलिखित अनुसार हो सकता है
प्रातःकाल (Morning): मंदिर सुबह जल्दी खुलता है, सामान्यतः सुबह 5:00 बजे या 5:30 बजे।
– मंगला आरती (सुबह का धार्मिक अभिषेक) सुबह 5:00 बजे से 6:00 बजे तक की वेळा तक की जाती है।
– अधिक समय तक, मंदिर खुला रहता है और भक्तों को दर्शन के लिए अनुमति दी जाती है।
दोपहर (Afternoon):- मध्याह्न धूप (दोपहर के भोजन का अभिषेक) दोपहर के लगभग 12:00 बजे से 1:00 बजे तक की वेळा तक की जाती है।
– इसके बाद कुछ घंटे मंदिर बंद रहता है, सामान्यतः 1:00 बजे से 4:00 बजे तक।
सायंकाल (Evening): सांध्या आरती (शाम का धार्मिक अभिषेक) शाम को लगभग 6:00 बजे से 7:00 बजे तक होती है।
– बड़ा श्रृंगार दर्शन (मुख्य दृश्य और दर्शन) सांध्या आरती के बाद जनता को खुला होता है, सामान्यतः रात 7:00 बजे से 8:00 बजे तक।कृपया ध्यान दें कि ये समय विशेष अवसरों या त्योहारों पर बदल सकते हैं और अधिक अद्यतन जानकारी के लिए आपको स्थानीय प्राधिकरण या मंदिर अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।
शुल्क :श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी में प्रवेश का कोई भी शुल्क नहीं है। मंदिर सभी भक्तों और दर्शनीयों के लिए खुला है, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या राष्ट्रीयता के हों। इससे संबंधित कोई भी प्रवेश शुल्क या टिकट नहीं होता है।कृपया ध्यान दें कि ये समय विशेष अवसरों या त्योहारों पर बदल सकते हैं और श्री जगन्नाथ मंदिर के प्रबंधन ने शुल्क या दरों के संबंध में कोई बदलाव किया हो सकता है। इसलिए, आपको यथाशीघ्र जाँच करने की सलाह दी जाती है, या आप आधिकारिक वेबसाइट या मंदिर प्रबंधन से संपर्क करके वर्तमान समय के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

  • आरती :

    श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी में आरती का समय निम्नलिखित रूप से होता है|

  • प्रातःकाल (Morning):
    मंगला आरती: सुबह 5:00 बजे से 6:00 बजे तक। यह आरती सुबह के समय मंदिर के प्रारंभिक धार्मिक अभिषेक के रूप में संपन्न होती है।
  • सायंकाल (Evening):

संध्या आरती: शाम को लगभग 6:00 बजे से 7:00 बजे तक। यह आरती शाम के समय मंदिर में होती है और भक्तों और प्रतिदिनी सेवकों के द्वारा संपन्न की जाती है।

आरती के समय पर भक्त आरती गाने और देवताओं को प्रकाश करने के लिए उनके दर्शन के लिए प्रतीक्षा करते हैं। यह धार्मिक रिवाज भगवान के भक्तों के लिए आशीर्वाद और शांति का समय होता है।

कृपया ध्यान दें कि आरती के समय में थोड़ी सी विलंब भी हो सकती है, जिसका कारण भक्तों की उधारणी या अन्य अनियमितता हो सकती है। इसलिए, यथाशीघ्र जाँच करने के लिए आपको मंदिर प्रबंधन से संपर्क करना चाहिए या स्थानीय स्रोतों से नवीकरण जानकारी प्राप्त करना चाहिए।

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India Bites

The aim of creating this blog is to explore the Enchanting Tapestry of India. Its culture is deeply rooted in its diverse religious traditions and technological advancements. Religion plays a significant role in the lives of Indians, with Hinduism being the predominant faith. Hindu rituals, festivals, and practices are an integral part of Indian culture, promoting spiritual beliefs and values.

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